#Ringas #Bhairav #Sikar
राजस्थान में अनेक लोक देवी-देवता हैं। इन्हीं में से एक रींगस के भैरूजी। भैरूजी का यह स्थान बहुत प्राचीन है। इस मंदिर को लेकर जयपुर, सीकर, झुंझुनू, चूरू, बीकानेर, जोधपुर, अजमेर आदि जिलों में काफी मान्यता है। अब तो राजस्थान के बाहर से भी भक्त यहां आते हैं। दरअसल, ये परिवार वे है जो राजस्थान से बाहर जाकर बस गए हैं, लेकिन धार्मिक आस्था और मान्यता के कारण यहां जरूर आते है। राजस्थान में अनेक लोक देवी-देवता हैं। इन्हीं में से एक रींगस के भैरूजी। भैरूजी का यह स्थान बहुत प्राचीन है। इस मंदिर को लेकर जयपुर, सीकर, झुंझुनू, चूरू, बीकानेर, जोधपुर, अजमेर आदि जिलों में काफी मान्यता है। अब तो राजस्थान के बाहर से भी भक्त यहां आते हैं। दरअसल, ये परिवार वे है जो राजस्थान से बाहर जाकर बस गए हैं, लेकिन धार्मिक आस्था और मान्यता के कारण यहां जरूर आते है।
जिन परिवारों में रींगस के भैरूजी की मान्यता है उनमें शादी के बाद मंदिर में पहली बार ढोक लगाने यानि जात देने की परम्परा है। बच्चों के जडूले-मुंडन भी यहां होते है। फाल्गुन माह में जब खाटू श्यामजी का मेला आयोजित होता है तब कई भक्त अपनी पदयात्रा रींगस से ही शुरू करते है।
राजस्थान में अनेक लोक देवी-देवता हैं। इन्हीं में से एक रींगस के भैरूजी। भैरूजी का यह स्थान बहुत प्राचीन है। इस मंदिर को लेकर जयपुर, सीकर, झुंझुनू, चूरू, बीकानेर, जोधपुर, अजमेर आदि जिलों में काफी मान्यता है। अब तो राजस्थान के बाहर से भी भक्त यहां आते हैं। दरअसल, ये परिवार वे है जो राजस्थान से बाहर जाकर बस गए हैं, लेकिन धार्मिक आस्था और मान्यता के कारण यहां जरूर आते है।
コメント