जीते जी तो कभी पूछा नहीं पित्रो का हाल, मरने के बाद कराने चल दिए भोजन/जलपान, हसीं तब आती है जब पढ़े -लिखे लोग इन अंधविश्वासों में फंसे हुए दिखाई देती हैं। भाइयों और बहनों अपने वास्तविक धर्म को समझें और उन्हें अपने जीवन में उतारें। इन कोओ और अंधविश्वासी ब्राह्मणों को भोजन देने से कुछ नहीं मिलने वाली है। मरने के बाद हमें अपनी पित्रो का श्राद्ध नहीं, बल्कि उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने चाहिए क्योंकि हम भी उनकी ही अंशों में से एक है। उन्होंने अपने जीवन में जो नहीं पूरा कर सके वो पूरा करेंगे तो उनके आत्मा को शांति मिलेगी। हमें अपने मूक्ति की ओर बढ़ने की जरूरत है अगर हम मूक्ति पा लेते है तो अपने सभी पूर्वजों को मूक्ति मिल जाती है। ऐसा हमारी पवित्र ग्रंथो में कहा गया है। धन्यवाद साहब जी!🙏🙏🙏
Very nice
Sbse gyani hmare hindustani hi h sb jante h fir bhi paglpnti krne se nhi chukte samil hote h in sb bkwas k kamo m ku dr h sirf ibadat nhi wah re gyani insan
सत्य कड़वा होता है। बिल्कुल सत्य कह रही है
Kaha se dhudha aapne itna badhiya bhajan
दूसरे धर्म के बारे में तेरी जुबान nhi हिलती हिंदू धर्म को बदनाम करना आसान h
Tum hamre सनातन धर्म pr gyan मत दे
Tu,,,bady,,singar,,,,,,bani,,,hay,,,koi,,,apne,,,puttar,,dev,,,ko,,,desy,,,ghi,,,ka,,halva,,,khilaye,,,,chahe,,khir,,,,,khilaye,,,tery,,, Kyun,,fat,,,rahy,,hay
Very nice
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@MadanSharma-bn6or